स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम स्मृति सम्मान,, 2023
उत्तराखंड की पहचान श्री विवेकानंद खंडूरी को प्रदान किया गया,,,,,
इस अवसर पर श्री विवेकानंद खंडूरी के निवास पर एक आत्मिय समारोह मे प्रखर समाजसेवी श्री रविन्द्र जुगरान ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम सम्मान का चयन बहुत ही सार्थक होता रहा है / भाई विवेकानंद खंडूरी उत्तराखंड के उन उदाहरणों मे से एक है जो अब लुप्त प्राय हो चले है,,,, धरातल संस्था द्वारा दिया जाने वाला यह सम्मान एक राष्ट्रीय कवि वह स्वाधीनता सेनानी की गरिमा के अनुकूल है/
धरातल के संस्थापक जनकवि डा अतुल शर्मा व कवयित्री रंजना शर्मा व रेखा शर्मा ने श्री विवेकानंद खंडूरी को शाल व मान पत्र प्रदान करके सम्मानित किया/
इस अवसर पर कवयित्री रंजना शर्मा ने कहा कि हमे यह सम्मान देख बहुत गौरव का अनुभव हो रहा है 🌹 वह हमारे परिवार से पिछले पचास वर्ष से जुड़े है और सामाजिक कार्य मे अग्रसर रहे है/
डी ए वी पी जी कालेज की हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पा खंडूरी ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम सेनानी एवं राष्ट्रीय कवि श्रीराम शर्मा प्रेम के नाम का सम्मान प्राप्त होना एक राष्ट्रीय स्तर के सम्मान से कम नही है / श्रीराम शर्मा प्रेम सूर्यकांत निराला के समकक्ष थे/
इस अवसर पर श्री विवेकानंद खंडूरी ने कहा कि मुझे आज बहुत गौरव का अनुभव हो रहा है / मुझे कवि श्रीराम शर्मा प्रेम के दर्शन करने का भी अवसर मिला था,,,, उनके घर हमेशा देश के बड़े कवि आते रहे है और मै स्व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हेमवती नन्दन बहुगुणा के साथ कवि श्रीराम शर्मा प्रेम को देखने गया था जब वे बीमार थे /
धरातल के संस्थापक जनकवि डा अतुल शर्मा ने बताया कि अब तक यह सम्मान पूर्व सूचना प्रसारण मंत्री डा गिरिजा व्यास, कुलपति डा हरिमोहन( आगरा/) दून स्कूल के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष डा हरिदत्त भट्ट शैलेश, पत्रकार श्रीगोपाल नारसन,, गंगोत्री विद्या निकेतन ( ऋषिकेश) प्राचार्य श्री अमिताभ शर्मा, नालंदा स्कूल श्याम पुर, राज्य आन्दोलन कारी श्री रविन्द्र जुगरान श्री जगमोहन सिह नेगी, श्री प्रदीप कुकरेती श्री राम लाल खंडूरी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री आलोक घिल्डियाल, युगान्तर नाट्य संस्था ् आदि अनेक विभूतियों को प्रदान किया जा चुका है/
इस अवसर पर धरातल की अध्यक्ष रेखा शर्मा व रेखा बडूनी मौजूद आदि मौजूद रहे/
_प्रियंका डंगवाल